अगर किसी देश के विकास को परखना है तो आपको सबसे पहले उस देश में चल रही योजनाओं को देखना होगा । वो कितनी धरातल पर अपने कार्य को अंजाम दे रही है । देश में चल रही योजनाएं काफी हद तक देश के विकास को दर्शाती है ज्यादातर सरकार कस्बों और शहरों को चमकाने में ध्यान देती है ग्रामीण इलाकों में विकास की चमक ज्यादातर फीकी ही दिखती है । अगर आप गौर करें तो आजादी के बाद से ही हमारे देश में पंचवर्षीय योजनाओं ने सीढ़ी चढ़ना प्रारम्भ किया था तब से लेकर अभी तक पंच वर्षीय योजनाएं लागू है । आपको याद होगा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार पीएम बने थे उसके बाद उन्होंने सभी सांसदों से एक एक गांव को गोद लेने के लिए कहा था जिससे गांव को एक आदर्श गांव बनाया जा सके । आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इसी योजना के बारे में बताएंगे ।
क्या है सांसद आदर्श ग्राम योजना
सबसे पहले आप यह समझ लीजिए कि यह है क्या दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालते ही उन्होंने विकास की शुरुआत सबसे छोटी इकाई समझी जाने वाली गांव से की । उन्होंने इसकी शुरुआत 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिवस वर्षगांठ के अवसर पर की थी । आदर्श ग्राम योजना के तहत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को एक एक गांव गोद लेना था । जिससे उस गांव की दिशा और दशा बदली जा सके । वहां की समस्याओं से लेकर मूलभूत परेशानी का निस्तारण खुद सांसद करें । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दो गांव को गोद ले रखा है । लब्बोलुआब यही है कि बिजली सड़क पानी और अन्य गांव से जुड़ी समस्या को हल करना है यही सांसद आदर्श ग्राम योजना है । थोड़ा और समझते है आगे की बात । इस योजना के अंतर्गत यह भी कहा गया था कि प्रत्येक सांसद को साल 2019 तक तीन गांव का विकास करना था और फिर 2019 में इसमें संशोधन करके प्रत्येक सांसद को साल 2024 तक पांच ग्राम सभाओं का विकास करना है ।
क्या है इस योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों की कायाकल्प बदले और विकास के साथ ग्रामीणों के जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास हो । जिससे ये लोग अन्य लोगों को आदर्श स्थापित कर सके । अब कुछ बिंदु के जरिए समझिए
- ग्रामीण में लोगों की विकास की भागेदारी
- अंत्योदय सिद्धांत का अनुसरण
- पुरुष और महिला में समानता हो
- श्रम की गरिमा और रोजगार से जुड़ी समस्या हल करना
- ग्रामीण समुदाय में शांति और सौहार्द बनाए रखना
- स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चले
- स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना
इस योजना के अंतर्गत धनराशि की व्यवस्था इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और पिछड़ा कोष अनुदान से की जाती है।
क्या होंगे इसके प्रभाव
- आजीविका और रोजगार में वृद्धि
- बंधुआ मजदूरी , बल श्रम तथा मेला ढोने से मुक्ति
- जन्म मृत्यू मामलों का शत प्रतिशत पंजीकरण
- शांति और सौहार्द सही रहेगा
- ग्रामीणों के पलायन में कमी आयेगी
कुछ स्टार सांसदों की कमान
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 6 गांव गोद लिए है शुरुआत में सबसे पहले उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जयापुर गांव को गोद लिया था। इसके बाद उन्होंने नागेपुर, काकरहिया, डोमरिक गांव गोद लिए । पिछले साल 2021 में पीएम ने वाराणसी के पूरे बकियापुर और परमपुर गांव को गोद लिया । इसी कड़ी मे सोनिया गांधी ने रायबरेली के उड़वा गांव को गोद लिया । राहुल गांधी ने अमेठी के डीह , सचिन तेंदुलकर ने आंध्र प्रदेश के पुत्तमराजू वेरी कंद्रिका और महाराष्ट्र में दोंजा गांव , तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा के बिसापुर कलां गांव को गोद लिया है ।