जल जीवन मिशन : जल के बिना जीवन नहीं है. इसलिए यह जरूरी है कि साफ जल हर किसी तक पहुँचें. इसी कड़ी में एक साकारात्मक खबर आई है. जल जीवन मिशन योजना ने 50 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है. आपको बता दें कि गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, डी एंड एन हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी और हरियाणा ने पहले ही 100 प्रतिशत घरेलू कनेक्शन हासिल कर लिया है. पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार राज्यों में 90 प्रतिशत से अधिक कवरेज है और अधिकारी के अनुसार ‘हर घर जल’ का दर्जा प्राप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहे हैं.
जल जीवन मिशन का मूल उद्देश्य शुरू से ही पंचायती राज संस्थानों और समुदायों को जलापूर्ति योजनाओं में शामिल करके उन्हें सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 9.59 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके परिसरों में पानी मिल रहा है. इसके ग्रामीणों के जीवन में सुखद परिवर्तन आया है.
2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ घरों में, यानी 17 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के पास नल के माध्यम से पीने का पानी था. 27 मई तक 108 जिले, 1,222 प्रखंड, 71,667 ग्राम पंचायत और 1,51,171 गांव ‘हर घर जल’ बन चुके हैं, जिसमें सभी ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है.
इस वर्ष, जब देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, ‘वॉश प्रबुध गांव’ प्राप्त करने के लिए पीने के पानी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए देश भर में विशेष ग्राम सभाएं बुलाई जा रही हैं. जल जीवन मिशन के तहत, राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को सामुदायिक जुड़ाव, पानी समितियों की क्षमता निर्माण और ओ एंड एम गतिविधियों को लागू करने में सहायता एजेंसियों (आईएसए) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है.